‘मेले का ऊँट’ का प्रतिपाद्य

balmukund gupt nibandh

बालमुकुन्द गुप्त के लेख ‘मेले का ऊँट’ का प्रतिपाद्य ‘मेले का ऊँट’ का प्रतिपाद्य -> बालमुकुन्द गुप्त के प्रस्तुत निबंध में व्यंग्य एवं हास्य का पुट पाया जाता है। उन्होंने अपने समय के वातावरण तथा शासकों और प्रजा के बीच जिस तरह के संबंध रहे हैं उनका परोक्ष रूप में चित्रण किया है। वे पहचान […]