poems about family | सच्चाई
सच्चाई सुन लो मेरे भाइयो, तुम को दिल की बात बताता हूँ | कोई मुझे क्या बोलेगा, इससे बिल्कुल न घबराता हूँ | रोज चाय की टपरी पर, तू उसको चाय पिलाता है | पर शायद तू भूल रहा, कि तुमको कौन खिलाता है | उसकी पसंद की हर वस्तु , तू उसको लाकर देता […]