जिंदगी किसी के लिये नही रुकती
वक़्त के साथ सब बदल जाते है।
वो तो हम है जो आज भी तेरे इंतज़ार मे है
नहीं तो वादों की क्या बात करे इतने मे तो लोगो के लफ्ज़ बदल जाते ।
शुरु हो चुका हूँ
अब रुकना नहीं है मुझे,
मुसीबतो के आगे अब और झुकना नही है मुझे ,
एक खूबसूरत हँसी के लिये पहले रोना पड़ता है।
जीवन में कुछ पाने के लिये कुछ खोना पड़ता है
मेरा मकसद किसी को नहीं झुकाना हैं,
मुझे तो बस खुद को इतना सफल बनाना है कि
जिस भीड़ में छुपा ज़माना है
मुझे खुद को उस भीड़ से अलग दिखाना हैं।
अब बदनाम हूँ मैं,
तो बदनाम ही रहने दो।
शौक नही है मुझे,
जूठी शराफत दिखाने का।
सच्चे को बेवफा
और जूठे को आशिक कहना,
ये तो उसूल है इस ज़माने का,
खैर छोड़ो इस पत्थर दिल से थोड़े से आसूँ तो बहने दो,
अब बदनाम हूँ मैं,
तो बदनाम ही रहने दो ।
मुसाफिर हूँ मैं अंधेरी राहों का
मोहताज नही हूँ किसी की बाहो का
शौकीन नही हुँ मैं किसी के इश्क़ की दवाओं का
अरे मैं तो एक एहसास हूँ मेरे माँ-बाप की दुआओं का ।
उन लोगों को भी होली
मुबारक जो वक़्त के साथ
अपने रंग बदल गये
शुक्रगुजार हुं उनका
क्योंकि उनकी वजह से हम गिरते-गिरते संभल गये
ज्यादा बात करें तो परेशानी समझते है,
ना करे तो अकड़ समझते है
कुछ लोग, हद से ज्यादा भला सोचो तो बेकार समझते है
ओर उनके हाल पर छोड़ दो उन्हें तो बेपरवाह समझते है वो लोग
माँ के आशीर्वाद से बड़ी मैने कोई मन्नत नहीं देखी
और माँ के कदमो से बड़ी मैने कोई जन्नत नहीं देखी
शायद इसलिये मेरी रूह हर भगवान से जुदा है ।
क्योंकि मेरी माँ ही मेरा रब और खुदा है ।
अब लिखने के लिये अल्फ़ाज़ कम पड़ गये है।
मेरी कलम की लिखावट के भी अश्क़ नम पड़ गये है।
अब किसी की चाहत में लिखना चाहता हूँ ।
या किसी की यादों में मिटना चाहता हूँ।